रायपुर, 26 दिसंबर 2025 छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की सुव्यवस्थित और किसान हितैषी धान खरीदी नीति ने न केवल अन्नदाताओं के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी...

रायपुर, 26 दिसंबर 2025
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की सुव्यवस्थित और किसान हितैषी धान खरीदी नीति ने न केवल अन्नदाताओं के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार समर्थन मूल्य पर पारदर्शी खरीदी, डिजिटल टोकन प्रणाली और त्वरित भुगतान सुनिश्चित कर रही है, जिससे किसान बिना किसी झंझट के अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर पा रहे हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के प्रगतिशील किसान गुलाबचंद साहू इसकी जीती-जागती मिसाल हैं, जिनकी मेहनत को अब सही सम्मान और आर्थिक लाभ मिल रहा है।
किसान गुलाबचंद साहू ने अपनी चार एकड़ भूमि पर कड़ी मेहनत से धान की फसल उगाई और इस वर्ष 76 कट्टे धान लेकर पेंड्रा के उपार्जन केंद्र पहुंचे। उन्होंने उत्साह से बताया, विष्णुदेव सरकार की धान खरीदी व्यवस्था पहले से कहीं बेहतर और सुगम है। ऑनलाइन पंजीकरण और समिति आधारित टोकन प्रणाली ने सब कुछ आसान बना दिया। मैंने बिना किसी परेशानी के टोकन कटवाया और तुरंत धान बेच दिया। न लंबी कतारें, न भ्रष्टाचार का साया, सब कुछ पारदर्शी और समयबद्ध। गुलाबचंद साहू ने आगे जोर देकर कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक खरीदी की सीमा ने किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे मेरी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। अब मैं परिवार की बेहतरी, बच्चों की पढ़ाई और खेती के आधुनिकीकरण पर निवेश कर सकूंगा।
यह सफलता केवल गुलाबचंद साहू तक सीमित नहीं है। राज्य के धान खरीदी केंद्रों पर लाखों किसान बिना किसी असुविधा के अपनी उपज बेच रहे हैं। सरकार की डिजिटल पहल जैसे ई-टोकन, सीसीटीवी निगरानी, तत्काल वेरिफिकेशन और 48 घंटे के अंदर सीधे बैंक खाते में भुगतान ने पूरी प्रक्रिया को अत्याधुनिक और भरोसेमंद बना दिया है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यह व्यवस्था विशेष रूप से प्रभावी साबित हो रही है, जहां किसानों को पहले भ्रष्टाचार और देरी की मार झेलनी पड़ती थी। अब वे निश्चिंत होकर खेती कर रहे हैं, क्योंकि सरकार उनके हितों की रक्षा कर रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बार-बार कहा है कि किसान राज्य का अन्नदाता है, उसकी समृद्धि ही सरकार की प्राथमिकता है। इस नीति से न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। गुलाबचंद साहू जैसे हजारों किसान सरकार की नीतियों का खुला समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह बदलाव ज़मीनी स्तर पर दिख रहा है। राज्य सरकार की यह पहल छत्तीसगढ़ को समृद्धिशाली किसान राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है, जहां हर अन्नदाता को उसकी मेहनत का पूरा हक मिल रहा है।
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